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करणी सेना आखिर है कौन? जानिए पूरी कहानी
करणी कोई राजनीतिक संगठन नहीं है. लेकिन राजनीतिक दल इसके पीछे हाथ बांधे खड़े नजर आते हैं
"ये युवा केंद्रित संगठन है. बाकि संगठनों में प्रौढ़ या उम्रदराज लोग होते है. यह पूरी तरह युवा वर्ग का संगठन है.अपने अपने दफ्तर हैं.
करणी सेना पहला संगठन है जो जातीय गौरव के भावनात्मक मुद्दों को लेकर गली सड़कों पर सक्रिय हुआ. यह एक युवक को अच्छा लगता है कि उसे इतिहास से जोड़ा जा रहा है. बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है. शहरों में जब पहली पीढ़ी आई तो उसे रोजगार मिल गया. अब दूसरी पीढ़ी है और वो रोजगार से दूर है. फिर हिंदुत्व के पैरोकारों को भी करणी सेना के नारे और मुद्दे अनुकूल लगे. कुछ राजपूत युवक आरक्षण आर्थिक आधार पर ही इसके लिए करणी सेना से जुड़ रहे है। अपने इस विकास और विस्तार ने करणी सेना को तीन हिस्सों में बांट दिया.
साधन और पैसा कहां से आता हैं?"
"न तो कोई कोष है न कोई कोषाध्यक्ष है, हम चंदा नहीं करते. लोग परस्पर सहयोग से संगठन चलाते है."
एक WhatsApp मैसेज़ पर कैसे आ जाते हैं सैकड़ों युवक?
करणी सेना ने राजस्थान के राजपूत बहुल ज़िलों में बहुत जल्दी से अपने पैर फैलाये हैं. और अब इसके आह्वान पर युवक तुरंत इकठ्ठे हो जाते हैं.
करणी सेना के एक पदाधिकारी कहते हैं, "जयपुर में उनकी उपस्थिति बहुत मज़बूत है. जयपुर में झोटवाड़ा, खातीपुरा, वैशाली और मुरलीपुरा ऐसे राजपूत बहुल रिहायशी क्षेत्र हैं जहां करणी सेना के आह्वान को तुरंत सुना जाता है और युवक दौड़े चले आते हैं. पिछले कुछ समय में करणी सेना ने अपना दायरा बढ़ाया और राज्य के बाहर भी अपनी मौजूदगी का अहसास करवाया."
बॉलिवुड फिल्म 'पद्मावत' के विरोध को लेकर चर्चा में आई करणी सेनाकी कहानी बेहद दिलचस्प है। वर्ष 2006 में कुछ बेरोजगार राजपूत युवकों ने करणी सेना का गठन किया जो आज राजस्थान में इस समुदाय का चेहरा बन गया है। हालांकि यह संगठन अभी कई धड़ों में बंट गया है। इनमें से लोकेंद्र सिंह कालवी के नेतृत्व वाली श्री राजपूत करणी सेना, अजीत सिंह ममदोली के नेतृत्व वाली श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समिति और सुखदेव सिंह गोगामेदी के नेतृत्व वाली श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना सबसे ज्यादा प्रभावी है।
इन संगठनों ने शुरू में राजपूतों से जुड़े मुद्दों पर विरोध-प्रदर्शन किया लेकिन बाद में ये संगठन फिल्म पद्मावत के विरोध में सबसे ज्यादा मुखर हो गए। राजस्थान के शेखावती इलाके के छात्र इस संगठन में कट्टर समर्थक हैं। फिल्म पद्मावत के विरोध में इन सभी धड़ों ने एकजुटता दिखाई। हालांकि इनके नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते इनमें काफी मतभेद है। एक-दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ के बीच सभी धड़े राजपूत युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करना चाह रहे हैं ताकि उनका आधार मजबूत हो।
इन संगठनों ने शुरू में राजपूतों से जुड़े मुद्दों पर विरोध-प्रदर्शन किया लेकिन बाद में ये संगठन फिल्म पद्मावत के विरोध में सबसे ज्यादा मुखर हो गए। राजस्थान के शेखावती इलाके के छात्र इस संगठन में कट्टर समर्थक हैं। फिल्म पद्मावत के विरोध में इन सभी धड़ों ने एकजुटता दिखाई। हालांकि इनके नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते इनमें काफी मतभेद है। एक-दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ के बीच सभी धड़े राजपूत युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करना चाह रहे हैं ताकि उनका आधार मजबूत हो।
जनवरी 2017 में जब श्री राजपूत करणी सेना के कुछ सदस्यों ने पद्मावत की शूटिंग के दौरान फिल्मकार संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट किया तो करणी सेना के सभी गुटों में अचानक आम सहमति बन गई।
वर्ष 2017 में ही जब राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को मार गिराया तो करणी सेना ने उसकी याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया था। आनंदपाल का एनकाउंटर राजपूत संगठनों के लिए एक मुद्दा बन गया। वह कई राजपूतों और रावण राजपूत युवाओं में बेहद सम्मान से देखा जाता था जो उसे विरोधी जाट समुदाय से 'रक्षक' के रूप में देखते थे। पुलिस एनकाउंटर के विरोध में राजपूतों ने ट्रेन की पटरियां उखाड़ दीं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस दौरान कथित रूप से एक व्यक्ति की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई।
करणी सेना पहली बार वर्ष 2006 में चर्चा में आई थी। इस दौरान कालवी ने फिल्मकार आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'जोधा अकबर' का विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फिल्म ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया है। बाद में यह फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं हो सकी।
वर्ष 2017 में ही जब राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को मार गिराया तो करणी सेना ने उसकी याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया था। आनंदपाल का एनकाउंटर राजपूत संगठनों के लिए एक मुद्दा बन गया। वह कई राजपूतों और रावण राजपूत युवाओं में बेहद सम्मान से देखा जाता था जो उसे विरोधी जाट समुदाय से 'रक्षक' के रूप में देखते थे। पुलिस एनकाउंटर के विरोध में राजपूतों ने ट्रेन की पटरियां उखाड़ दीं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस दौरान कथित रूप से एक व्यक्ति की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई।
करणी सेना पहली बार वर्ष 2006 में चर्चा में आई थी। इस दौरान कालवी ने फिल्मकार आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'जोधा अकबर' का विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फिल्म ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया है। बाद में यह फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं हो सकी।
वर्ष 2013 में यह संगठन फिर चर्चा में आया। करणी सेना ने आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस के चिंतन शिविर को निशाना बनाने की धमकी दी। करणी सेना के सदस्य नेगेटिव पब्लिसिटी के बावजूद पद्मावत के खिलाफ विरोध जारी रखे हुए हैं। अब भंसाली ने उन्हें फिल्म को देखने का आमंत्रण दिया है। कालवी कहते हैं, 'हम सहमत हैं...उन्हें हमारे द्वारा नामित छह इतिहासकारों को पहले यह फिल्म दिखानी होगी।'
गोगामेडी कहते हैं, "हां, उनके ख़िलाफ़ कुछ मामले थे जो इसी तरह संघर्ष करते हुए दर्ज हुए हैं और इनमे वे दोष मुक्त हो गए हैं. जब आप किसी पीड़ित के लिए आवाज उठाते हो तो मुकदमे दर्ज हो जाते हैं. इन संगठनों ने पहले आरक्षण का मुद्दा उठाया और मुहिम चलाई. फिर ये संगठन हर उस मौके और मुद्दे तक पहुंचने लगे जहां जातीय अस्मिता का पहलु मौजूद हो."
मामडोली कहते हैं, "जब फिल्मों में राजपूतों का गलत चित्रण किये जाने के मामले सामने आये तो संगठन सक्रिय हुआ. इसी कड़ी में जोधा अकबर का विरोध किया गया. पिछले साल आनंदपाल की पुलिस एनकाउंटर में मौत ने करणी सेना को हरकत में ला दिया और लगे हाथ संजय लीला भंसाली की फिल्म ने भी उसे मंच मुहैया करवा दिया."
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के गोगामेड़ी कहते है, "जब हमारे समाज के किसी व्यक्ति या अधिकारी के साथ नाइंसाफ़ी हो और राजनैतिक दल चुप रहे तो करणी सेना का आवाज़ उठाना लाजिमी हो जाता है. लेकिन राजपूत समाज में ऐसे कई लोग हैं जो इस बदलते हालात को लेकर चिंता व्यक्त करते है."
"कुछ प्रेक्षक कहते है राजनैतिक दलों ने खुद को चुनाव लड़ने और जीतने पर सरकार चलाने तक महदूद कर लिया है. यही वजह है कि जातिगत संगठन तेजी से उभर रहे हैं. Source :- BBC , Navbharat Times Dipawali ,
श्री सुखदेव सिंह गोगामेड़ी जी
राष्ट्रीय अध्यक्ष
श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना
|
मध्य प्रदेश में ही लगभग १० लाख करणी सैनिक है एक आव्हान पर लाखो युवा एकत्रित हो जाते है १६ सितम्बर २०१८ को उज्जैन महारैली में लगभग ८ से १० लाख लोग एकत्रित हुऐ थे इसके अलावा मंदसौर, रतलाम में भी लगभग २ से ३ लाख करणी सैनिक आरक्षण आर्थिक आधार पर करने महारैली कर चुके है।
Jay mataji..Jay Rajputana..🙏
ReplyDelete8273111513 Rahul singh jadaun
ReplyDeleteAjaysinh Jadeja
DeleteJamnagar
Gujarat
7046251789
Rajput Vikram siNgh
ReplyDeleteBadechi reodar sirohi rajsthan
9351770116
9265045289 Aniket singh rajput grokhpur
DeleteSujeet Kumar Singh
ReplyDelete9682047345
CHIRAGSINH
ReplyDeleteDIS : botad
Sta: gujrat
Mo : 7600426342
Anuj chaubey
ReplyDeleteVaranasi
Uttar prasesh
8601013635
Sir mujhe judna h
DeleteKarni sena
ReplyDeleteKartik solanki
Mulund
Maharastra
Whatsapp no. 9653627099
PARMAR RUTURAJSINH HATHUBHA
ReplyDeleteGUJARAT,AMDAVAD
WHATSAPP NO .8758641133
ADD BAPU
9770912046
ReplyDeleteMadhya pradesh
Raj singh baghel
8758745108
ReplyDeleteSagarsinh vala
Somnath, Gujarat
Add karni sena whatsApp group
ReplyDeleteVala sagarsinh
State=Gujarat
Dist=Gir Somnath
WhatsApp number=8758745108
Akash singh
ReplyDeleteSultanpur
Utter pradesh
WhatsApp no 7376321196
Akash singh
ReplyDeleteSultanpur
Up
WhatsApp 7376321196
Bhaumiksinh solanki
ReplyDeleteGujarat
WhatsApp number 8866293511
ramsingh Rathore,meengna,rajasthan jaimata ji ki sa Hkm
ReplyDelete9301955146
ReplyDeleteHi
ReplyDeleteSiddharth singh
ReplyDeleteJaunpur uttar pradesh
Pin 222002
Whatsapp no.7018197177
Vikas singh shekhawat 7877811042
ReplyDeleteAdd kro mujhe hukum karni sena grp m
From jaipur
good
ReplyDeleteAyushraj Singh Rathore
ReplyDeleteTh.Jaithal
Whats app no. 6263159462
Anshu Singh Gaharwar uttar Pradesh mirzapur what's n. 8081135534
ReplyDeleteName-ayush partap singh chauhan
ReplyDeleteCity-uttar pradesh meerut
WhatsApp number+918439480882
मैं बबलू सिंह सोलंकी.राजपूत संगठन में रहना चाहता हूं
ReplyDeleteराजपूताना का साथ देना चाहता हूं
दिव्यराजसिंह चौहान
ReplyDeleteठि.टोंकवासा जागीर
जिला डूंगरपुर राज्य राजस्थान
8128231973
Amit Pratap Singh Bahadurpur Ballia Uttar Pradesh.
ReplyDelete7607123360.
रोहित सिंह 7521095948
ReplyDeleteચાવડા મુકેશસિંહ સંજયસિંહ આનંદ લોટીયા ભાગોર. ગુજરાત. ખેડા 7046906042
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