प्रत्येक वर्ग को यह देखना चाहिए गूजर भाजपा में बैठकर क्षत्रियों के इतिहास को कब्जाते हैं वहीं दूसरी ओर अपने इस कुक्रत्य को छिपाने के लिए जय भीम और जय मीम का सहारा भी लेते हैं।
चूंकि इसके पीछे आरएसएस का ही हाथ है , इसलिए वह वर्ग इसपर बोलता तक नहीं, और वे जो आरएसएस के धार्मिक भावनाओं के अंधभक्त हैं वह क्षत्रियों को हिंदू एकता और राष्ट्र एकता के नाम पर रोकते हैं।
क्षत्रियों को भी यह देखना चाहिए कि भारत में यह स्थिति क्षत्रियों के अलावा ब्राह्मण, खतरी, बनिया, पुरोहित इत्यादि समुदायों के साथ नहीं है।
क्या हो यदि गुर्जर ब्राह्मण केएम मुंशी और गुर्जर बनिया महात्मा गांधी को भी इसी तरह गोचर समुदाय विवादित करने लगे, क्या मीडिया और राजनीति में बैठा बुद्धिजीवी वर्ग इसे गुज्जर - बनिया या गुज्जर - ब्राह्मण विवाद बताएगा ?
गुर्जर जो भौगोलिक शब्द है व गुजरात निवासियों गुर्जर ब्राह्मणों , गुर्जर प्रजापति,गुर्जर जैन समुदायों की पहचान गुर्जर शब्द से ही होती है उस पर इतनी भ्रांति कैसे फैलने दी इस देश के शासक और मीडिया वर्ग ने ?
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